आज हम आपको बताने जा रहे है राजस्थान के अलवर जिले के बारे में। यहाँ से जो चन्दन की खुशबु निकली है वो अब देश में नहीं बल्कि विदेशो में भी फैलेगी। इस चीज का पूरा श्रेय यहाँ के किसानो की मेहनत को जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दे की अलवर जिले में चंदन की खेती होने की वजह से यहाँ के किसानो को नयी राह मिल गयी है।
किसान रुपराम पांच साल पूर्व लगाए थे 250 पौधे
यहाँ अलवर शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर एक गावं है जिसका नाम हाजीपुर डडीकर है। यहाँ के रहने वाले रूपराम नामक एक किसान ने पांच साल पहले 550 रुपये प्रति पौधे के हिसाब से करीब 250 पौधे चंदन के लगाए थे। आज वो करीब 30-30 फ़ीट के हो चुके है, अब करीब दो साल बाद इन्हे काटा जायेगा।
आपको जानकर हैरानी होगी की इनकी कीमत करीब तीन करोड़ आंकी गयी है। रूपराम ने किसी के कहने पर अपनी आधी बिगा जमीन पर चन्दन के पेड़ लगाए। अब ये पेड़ पांच साल के हो गए है और इनकी उचाई 30 फिट हो गयी है, लेकिन इनकी मोटाई लघभग आठ इंच होने में अभी दो साल और लगेंगे।
बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने भी किया संपर्क
उसके बाद इसमें खुशबु आने लगेंगी और यह एक पेड़ करीब 1.5 लाख रुपये में बिकेगा। आपको बता दे की इसके लिए बाबा रामदेव की कंपनी के प्रतिनिधि ने भी सम्पर्क किया था, इसका मतलब अब रूपराम की भी किस्मत खुलने वाले है। इस पौधे की देखभाल शुरू में ज्यादा होती है। कहते है की इनकी जड़ो तक खुराक पहुंचाने के लिए अन्य पौधे या मेहँदी लगाई जाती है।
कहा जाता है की इनकी जड़ो से जो तेल निकलता है उसकी कीमत करीब 60 से 70 हजार रुपये किलो होती है। इनकी लकड़ी भी काफी महंगी होती है। चंदन का इस्तमाल सभी खुशबु वाले प्रोडक्ट में किया जाता है, ज्यादातर तेल, इत्र और साबुन में होता है। सबसे ज्यादा चंदन ऑस्ट्रेलिया (Sandalwood Australia) में मिलता है।