हम आपको आज एक एसे सफल व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे है, जिन्होंने अपने जीवन की शुरुआत एक छोटी सी किराने की दुकान से की थी लेकिन अपने संघर्ष और अथाह परिश्रम से उन्होंने आज अपनी कम्पनी को 100 करोड़ के टर्नओवर तक पहुचा दिया है।
आज हम बात कर रहे है, गणेश प्रसाद अग्रवाल की इन्होने शुरुआत कोलकत्ता में एक छोटे से किराने की दुकान से की थी जहा यह पिताजी के साथ काम करते हुए वक़्त गुज़ारा करते थे। पर आज देश के सबसे बड़े क्षेत्रीय खाद्य ब्रांड के मालिक हैं। यह भारतीय फ़ूड ब्रांड Priya Food Products Limited (प्रिया फूड प्रोडक्ट्स लिमिटेड) के स्थापक हैं।
आज इनकी कम्पनी के उत्पाद को हर कोई जानता है और इनका उपयोग करता है। इनकी मेहनत की बदौलत यह कम्पनी केवल तीन दशकों में ही विकसित होकर पूर्वी भारत के सबसे बड़े ब्रांड के रूप में उभरी है। आज इसके नौ प्लांट्स हैं और जिससे करीब 100 टन का प्रोडक्शन प्रतिदिन किया जाता है।
आपको बता दे की यह कम्पनी 36 प्रकार के बिसकिट्स और पंद्रह तरीके के स्नैक्स बनाती है। इसके प्रोडक्ट पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखण्ड और ओडिशा के मार्केट में मिलते हैं।
दोस्तों से उधार और बैंक से लोन लेकर शुरू की बिस्किट फैक्ट्री
गणेश अग्रवाल माध्यम परिवार से थे, जो किराने की दुकान पर अपने पिताजी के साथ बैठकर उनकी मदद करते थे। उन्होंने कोलकत्ता के सिटी कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन पूरा किया और फिर अपने पिता जी के साथ दुकान पर ही बैठने लगे। उसके बाद करीब 14 वर्षों तक वे इसी दुकान पर काम करते रहे।
उसके बाद उन्होंने अपना बिजनेस शुरू करना चाहा। सितंबर 1986 में उन्होंने फ़ैसला किया कि वह एक बिस्कुट बनाने की फैक्ट्री शुरू करेंगे। इसके लिए उन्होंने पूंजी जुटाने के लिए अपनी प्रॉपर्टी को गिरवी रखवाया और दोस्तों से उधार लिया इसके बाद बैंक से भी लोन लिया और 25 लाख रुपए इकट्ठे करके उन्होंने अपने बिज़नेस की शुरुआत की।
दो एकड़ ज़मीन ले ली और फिर 50 बिस्कुट बनाने वाले कारीगरों को काम पर रखा। उसके बाद प्रसिद्ध ब्रांड प्रिया बिस्कुट कंपनी का कार्य प्रारम्भ हुआ। कंपनी शुरू की तब मार्केट में बहुत प्रतिस्पर्धा चल रही थी और पारले-जी व ब्रिटानिया जैसी बड़ी कंपनियों ने अपनी जड़ें जमा रखी थी, लेकिन उसके बावजूद इन्ह्ने अपने प्रोडक्ट को लोगो के सामने रखा और सफलता प्राप्त की।
बिस्किट के साथ स्नैक्स बनाना भी शुरू किया
गणेश अग्रवाल जी ने बिस्किट में ख्याति प्राप्त करने के बाद 2005 में उन्होंने रिलायबल नाम से एक प्लांट की शुरूआत की, जिसमें आलू के चिप्स तथा स्नैक्स बनाए जाते थे। इस तरह से उन्होंने इसमे भी अपने प्रोडक्ट को बनाया और इनके प्रोडक्ट को लोगो ने पसंद भी किया। वर्तमान में उनके दोनों बेटे इन स्नेक्स कंपनी के डायरेक्टर हैं। आज इनकी कम्पनी पुरे देश में अपने प्रोडक्ट को सेल करती है।