पश्चिम बंगाल के हुगली नदी में कुछ ऐसा देखा गया जिसे देखने के लिए आज पास के लोगो को भारी भीड़ जमा हो गई। यहां बहने वाली गंगा नदी में करीब सात किलो के पत्थर को तैरते हुए देखा गया।
यहां अद्भुत नजारा श्रीरामपुर के गंगा घाट पर देखने को मिला ।इस नजारे को प्रत्यक्ष रुप से अनिकेत झा और मनोज सिंह ने देखा और बताया कि दो पत्थरों पर जय श्री राम लिखा था जब उन पत्थरों को हाथ में उठाकर देखा तो उनका अनुमानित वजन 6 से 7 किलो लगभग होगा। काले रंग का यह पत्थर नदी में तैरते जब दिखा इस नजारे को देखने के लिए श्रीरामपुर के गंगा घाट पर स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी इसके बाद लोगों ने इस पत्थर को गंगा में बहा दिया।
गंगा नदी में मिला 7 किलो का पत्थर
इस तरह पत्थरों से सेतु का निर्माण करने की कथा हमने रामायण के काल में सुनी थी लेकिन वह रहने वाले एक निवासी अन्नपूर्णा दास ने कहा कि आज वास्तव में एक पत्थर को जल में तैरते हुए देखा गया। इस पर वैज्ञानिक तथ्य देते हुए पश्चिम बंगाल विज्ञान मंच के वरिष्ठ सदस्य चंदन देबनाथ ने बताया कि जब यदि पत्थर का घनत्व पानी के घनत्व से ज्यादा होगा तो पत्थर पानी पर तैरेगा।
इस घटना पर वैज्ञानिकों का मानना है कि पत्थर को बिना देखे और बिना परीक्षण किए पानी में तैरने के तथ्य के बारे में सटीक रूप से कुछ नहीं कह सकते। क्योंकि यदि अगर थर्माकोल पर काली सीमेंट का लेप लगाकर अगर ऐसे ऑब्जेक्ट को नदी में प्रवाहित किया जाए तो ऑब्जेक्ट के अंदर का हिस्सा खोखला होने के कारण पानी में अवश्य तैरेगा।