गुजरात के सूरत की खबर आपको सोचने पर मजबूर कर देगी की कैसे एक ढाई साल के बच्चे ने 7 लोगो की जीवन दान दिया। जी हां यह सच है की ढाई साल के बच्चे ने 7 लोगो की जान बचाई। डोनेट लाइफ संस्था के फाउंडर ट्रस्टी निलेश मांडलेवाला ने बताया की संजीव ओझा के पुत्र जश ओझा उम्र ढाई साल जिसका एक्सीडेंट 9 दिसंबर को पडोसी के घर पर खेल रहा था।
खेल – खेल में वह दूसरी मंजिल से नीचे गिर गया जिसकी वजह से सर में गंभीर चोट आई थी और बेहोश हो गया था जिसके बाद सूरत के भटार के अमृता हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। जहाँ पर रिपोर्ट में ब्रेन हेमरेज के कारण दिमाग पर सूजन की बात सामने आई थी। परन्तु 14 दिसंबर को जांच में ब्रेन डेड सामने आया।
कैसे लोगो को जीवनदान दिया ढाई साल के बच्चे ने?

जश ओझा के पिता संजीव ओझा ने बताया की जब उन्हें पता चला की उनके बेटे का ब्रेन डेड हो गया तो उन्होंने अपने बेटे के अंगदान करने का सोचा। बता दे की संजीव ओझा पत्रकार है और पिछले कई सालों से संजीव लोगो को अंगदान करने के लिए प्रेरित करते आए हैं। संजीव ओझा के अपने बेटे के अंगदान करने के फैसले के बाद डोनेट लाइफ संस्था ने जश के अंगदान के लिए अपनी प्रक्रिया शुरू की। संजीव ने बताया की स्टेट ऑर्गन ट्रांसप्लांट संस्था के कन्वीनर डॉ प्रांजल से उन्होंने संपर्क करके हार्ट, फेफड़े और लीवर दान करने के लिए कहा।
कहाँ किया जश ने अपने अंगों को दान?
बता दे की रिपोर्ट के अनुसार जश ओझा की एक किडनी सुरेन्द्रनगर की 13 वर्षीय बच्ची में और दूसरी किडनी सूरत की 17 वर्षीय बच्चे में और लिवर भावनगर के 2 वर्षीय बच्चे में ट्रांसप्लांट किया गया। और जश ओझा की दोनों आंखे आइबैंक में दान की गई। इस प्रकार से सूरत के ढाई साल के बच्चे जश संजीव ओझा ने अपने अंगदान करके 7 परिवारों के सदस्यों को नया जीवन दिया।