हम आपको एक मौलाना के दिए बयान के बारे में आपको बताने जा रहे है, जिसमे उन्होंने बद्रीनाथधाम पर उनके होने का दावा किया है। हम सभी जानते है की धर्म एक बेहद संवेदनशील मामला होता है। और इसके बारे में किसी भी तरह के बयान देने से पहले सोचना चाहिए। जब किसी बड़े पद पर बैठे मौलाना इस तरह का बयान देते है, तो यह मॅहगा पड़ सकता है।
इन्होने दिया बयान

यह बयां उत्तरप्रदेश के सहारनपुर के एक ने दिया है, जिनका नाम अब्दुल लतीफ कासमी है। इनका हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। जिसमे यह बद्रीनाथ धाम के बारे में विवादित बयान देते हुए नजर आ रहे हैं। मौलाना अब्दुल लतीफ कासमी इस वायरल वीडियो में एक ऐसा दावा कर रहे है, जिससे उन्हें जवाब देना महंगा पड़ सकता है। इस वीडियो में इनके द्वारा हिंदुओं के बद्रीनाथ धाम को मुसलमानों का धार्मिक स्थल बता रहे है। इसके साथ ही उनका कहना है, की बद्रीनाथ मंदिर को हमारे हवाले कर दे।
इसके साथ ही उनका कहना है, की यह बद्रीनाथ नहीं बल्कि बदरुद्दीन शाह हैं जो कि मुस्लिमों का धार्मिक स्थल है, इसलिए इसे हमारे हवाले ही कर देना चाहिए। मौलाना कासमी इसके साथ ही आगे कहते है, की यदि आपने अपने मंदिर के आगे नाथ लगा लिया यो क्या वो हिंदू हो गया। और कहते रहे की बद्रीनाथ जल्द से जल्द यदि मुसलमानों को नहीं दिया गया तो मुसलमान मार्च करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से की मांग
उन्होंने इस वीडियो के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से भी बद्रीनाथ धाम को मुस्लिमों के हवाले कर देने की मांग की हैं। इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मौलाना के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है। उनके खिलाफ इस वीडियो को लेकर शकायत देहरादून के रहने वाले जगदम्बा प्रसाद पंत ने थाना रायपुर में दर्ज करवाई थी।
हम आपको बता दे की मौलाना कासमी का यह वीडियो साल 2017 का है, उस सयम भी इस वीडियो को काफी लोगो द्वारा देखा गया था। लेकिन चार साल बाद ये अब फिर से वायरल हो गया है। सालों पहले वीडियो वायरल होने के बाद मौलाना ने अपने बयान को लेकर माफी भी मांगी थी। उन्होंने इसका एक वीडियो भी जारी किया था।