आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे है, जिसके बारे में आपने पहले शायद ही सुना होगा। भारत के इतिहास को देखे तो न्यूडिज्म का नाम आपने सुना होगा। आपकी जानकारी के लिए बता दे की इस जगह ब्रिटिशर्स आने के बाद ही महिलाओं ने यहाँ ब्लाउज़ पहनना शुरू किये थे, पहले यहाँ हिन्दू, ऋषि-मुनि और जैन ऐसे ही रहते थे।
वहाँ ऐसा माना जाता है की यह जीने का नेचुरल तरीका हैं। यहाँ के लोगो का मानना है की बिना कपड़ो के यहाँ लोग ज्यादा कम्फर्टेबले रहते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही आश्रम के बारे में बताने जा रहे है। यह आश्रम केरल के कोझिकोड के वताकार में लघभग 60 एकड़ की जमीन में बसा है, यहाँ पर सिद्ध समाज के अनुयायी निवास करते हैं।
यहाँ बेस लोग बिलकुल प्राकृतिक तरिके से जिंदगी को जीना जानते है, फिर वह बात कपड़ो की हो, खाने पिने की हो या फिर आपसी संबंध बनाने की। यहाँ इस आश्रम के बहार लिखा है “कुर्ता और ब्लाउज़ पहनकर जाना अंदर मना हैं”। अगर किसी को अंदर जाना है तो उसे उसके कपड़े उतारना पड़ेंगे। आश्रम के ही एक रहने वाले संत सानंदन एस ने बताया की सिद्ध विद्या सीखते समय और खाना कहते समय भी कपड़े नहीं पहनते।
सानंदन एस का जन्म इसी आश्रम में हुआ था वह 29 साल के है और आश्रम ही उनके लिए उनकी पूरी दुनिया हैं। सानंदन एस ने आगे बताते हुए कहा की चाहे महिला हो या पुरुष उसे अपने कपड़े उतारने पड़ते है और यहाँ आने वाले हर इंसान को अपना सेक्स पार्टनर चुनने का अधिकार है, लेकिन कोई रिश्ता आपस में नहीं बांध सकते।
नहीं होता आश्रम में किसी प्रकार का बंधन
इस आश्रम में किसी ना कोई जाती है ना धर्म है और यहाँ आश्रम में धार्मिक रीती रिवाजो की सख्त मनाही हैं। यहाँ सभी नामो के आगे “एस” लगाया जाता है। एस का मतलब स्वामी शिवानंद। जिन्होंने सिद्ध समाज की स्थापना की थी। यहाँ रहने वाला हर इंसान समाज के सदस्यों की देखभाल करेगा, लेकिन उन पर हक नहीं जता सकता। इस आश्रम में ना कोई पत्नी है, ना माँ है, ना पति है या फिर ना कोई भाई बहन हैं।
क्योकि आप भी ये जानते है की ये सभी रिश्ते आपको हक जताने पर मजबूर करते है। इस आश्रम की खास बात यह है की आप किसी के साथ सेक्स तो कर सकते है, लेकिन रिश्ता नहीं बना सकते। आप हर बार कोई नया व्यक्ति चुन सकते है। आश्रम में जन्मे बच्चे 3 साल तक माँ के पास रह सकते है उसके बाद उन्हें आश्रम के ही स्कूल में जाना पड़ता है और बच्चों को प्यार और नफरत जैसे अहसासों से भी दूर रखा जाता हैं।