सुनने में कितना अजीब लगता है कि आम की सुरक्षा में नौ कुत्ते और तीन गार्ड को तैनात किया गया। जी हां जबलपुर में ऐसे आम की खेती हुई है जिनकी कीमत अंतरराष्ट्रीय मार्केट में बहुत ज्यादा है। आइये इसके बारे में जानते हैं सबकुछ। की आखिर इतनी सुरक्षा क्यों? क्या खासियत है इस आम की जो इतनी कीमत और इतनी सिक्योरिटी।
जबलपुर के चरगंवा स्थित एक बगीचे में इस खास आम की खेती हो रही है। ये आम एक जापानी आम है इसके दाम सुन भारत में सामान्य आदमी खाने का ख्याल भी मन में नहीं लेकर आयेगा। इन आमों की सुरक्षा में विदेशी नस्ल के कुत्ते और सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। जबलपुर जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर चरगंवा में संकल्प और रानी परिहार जापानी आम की खेती कर रहे हैं। जापानी आम को तामागो के नाम से जाना जाता है। जापानी भाषा में इसे ‘ताईयो नो तामागो’ के नाम से भी जाना जाता है। कुछ लोग इसे टमैंगो भी इसे कहते हैं।
अंतरराष्ट्रीय मार्किट में इसकी अच्छी कीमत
बगीचे के मालिक संकल्प परिहार ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मार्केट में टमैंगो की बहुत डिमांड है। वहां इसकी कीमत 2.70 हजार रुपये पर पीस थी। वहीं यदि भारत कि बात करें तो लोग यहां आम की कीमत 21 हजार रुपये पर पीस देने को तैयार हैं। बगीचे में इन आमों की कुल संख्या सात ही है और मालिक इसे बेचने को तैयार नहीं हैं। देश के बड़े शहरों से कुछ खरीदार सामने आ रहे हैं। वहीं, मालिक को इस आम की चोरी का भी डर सता रहा है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम करते हुए गार्ड और विदेशी नस्ल के कुत्ते तैनात किये गये है। क्योंकि पहले कई बार बगीचे में चोरी की कोशिश हुई है। इस बगीचे में कई प्रकार के आम हैं। मगर सबसे अनमोल तामागो ही है। जापान में इसकी खेती पॉली हाउस के अंदर होती है। वहीं, जबलपुर में नर्मदा किनारे इसके पेड़ लगे हैं।
इस तरह से हाथ लगा पौधा
इस आम के बगीचे के मालिक को अब ये आम बेचना ही नहीं है क्योंकि ज्यादा फल नहीं हैं।आम को लेकर लोग जानकारी चाहते हैं। इस पर बगीचे के मालिक संकल्प परिहार ने बताया कि आम का पौधा ट्रेन में किसी शख्स ने उन्हें दिया था। उन्होंने इसे बगीचे में लाकर लगा दिया और फल तैयार होने लग गये हैं।
बगीचे के मालिक संकल्प परिहार अभी आम बेचने को तैयार नहीं हैं क्योंकि ज्यादा फल नहीं हैं। मगर अब चर्चा इतनी शुरू हो गई है कि आम को लेकर लोग जानकारी चाहते हैं। पिछले साल इस आम को लेने के लिए सूरत के भी एक व्यापारी ने दिलचस्पी दिखाई थी। संकल्प परिहार को टमैंगो आम का पौधा ट्रेन में किसी शख्स ने दिया था। उन्होंने इसे बगीचे में लाकर लगा दिया और फल तैयार होने लगे हैं। टमैंगो आम की दुनिया के सबसे महंगे आमों में होती है। यह रेडिश कलर का होता है। जापान में इसे एग ऑफ सन भी कहा जाता है। इसका वजन करीब 900 ग्राम तक पहुंच जाता है। संकल्प परिहार ने बताया कि उनके बगीचे में आज करीब 14 प्रकार के आम हैं।