अपने बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रखना चाहिए, लॉकडाउन के कारण शिक्षा की समस्या भी बढ़ गई है, अब बच्चों को मोबाइल का इस्तेमाल अपनी पढ़ाई के लिए करना पड़ता है। साथ ही बच्चों की टीवी देखने की आदत भी होती है। इसलिए उनका ज्यादा समय स्क्रीन में गुजरता है। विशेषज्ञों के द्वारा बताया गया कि, बच्चों की ऊपर इसका बुरा असर दिखाई दे रहा है।
इसके अलावा बच्चे मोबाइल एडिक्शन की और बढ़ रहे है। बच्चो का ज्यादा समय मोबाइल और लैपटॉप स्क्रीन पर गुजर रहा है। इस कारण उनका चिड़चिड़ापन और गुस्सा बढ़ रहा है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि बच्चों को इन समस्या से दूर कैसे रखा जाए।
बच्चो का स्क्रीन टाइम क्या होता हैं।
स्क्रीन टाइम का मतलब है कि बच्चे ने कितनी देर तक अपने मोबाइल स्क्रीन पर लैपटॉप स्क्रीन और टीवी स्क्रीन पर समय बिताते है। स्क्रीन टाइम बढ़ जाने के कारण बच्चों में अनिद्रा, आंखों में जलन ,सिर दर्द और आंखों की कई समस्या हो रही है। आराम के समय अपने बच्चो को मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करने देना चाहिए। इससे नींद पर असर पढता है, और सही से नींद पूरी नहीं होने कारण बच्चों पर काफी प्रभाव पड़ता है। मोबाइल और स्क्रीन टाइम बढ़ जाने से माइग्रेन और सिरदर्द जैसी दिक्कतें आना शुरू हो जाती है। ऐसे में पढ़ाई जरूरी है पर मोबाइल एडिक्शन से बचना भी जरुरी है।
बच्चो के साथ समय बिताये
माता-पिता को अपने बच्चों के साथ समय बिताने प्रयास करें, अगर माता-पिता ऐसा करने लगे तो वह अपने बच्चों के साथ अच्छा समय बिता कर कुछ हद तक इसे रोक सकते हैं| इस कारण से आपके बच्चों के साथ आपकी बॉन्डिंग अच्छी हो जाती है। अपने बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी जैसे खेलकूद आदि पर ध्यान देना आवश्यक है। उन्हें मोबाइल से दूर खेलकूद की और बढ़ाना चाहिए।
इसके अलावा पेरेंट्स अपने बच्चों को रचनात्मक कार्यों के लिए प्रेरित कर सकते हैं। जैसे पेड़ पौधे लगाना पेंटिंग या फिर कई दूसरे प्रकार के आर्ट जैसे डांसिंग, म्यूजिक और भी कई स्किल्स में के लिए प्रेरित करे। बच्चो द्वारा किये गए कार्य तारीफ करें, इससे उन पर अच्छा प्रभाव पड़ता है| डाँटने से बच्चो पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्हें रचनात्मक कार्य के फायदे के बारे बताये कुछ ऐसे उपाय करके आप आपने बच्चो को मोबाइल से दूर रखने का प्रयास कर सकते हैं।