आपको बता दे कि 11 साल पुराने मामले में दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) को 1 साल की सजा सुनाई गई है I दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश के पूर्व चीफ मिनिस्टर है, जिन्हें इंदौर हाई कोर्ट ने पुराने मामले में सजा सुनाई है I
क्या था पूरा मामला
बता दें कि वर्ष 2011 में उज्जैन में मारपीट की घटना के मामले में उनके ऊपर केस दर्ज किया गया जिस के साथी कुल 6 लोग हैं, जिन्हें एक 1 साल की सजा सुनाई गई है I
इस पुरे मामले में पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) को भी एक 1 साल की सजा सुनाई गई अदालत ने सभी को 5000 रूपए का जुर्माना भी भरने को कहा है I
यह मामला 2011 का बताया जा रहा है, जब यह कार्यक्रम में शामिल होने के समय पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उज्जैन सांसद प्रेमचंद गुड्डू और उनके साथ अन्य लोग का विवाद भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ हो गया था, जिसके बाद उनके ऊपर नामजद आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था, जिसका फ़सल अब 10 साल बाद सामने आया है I
25000 में मिली जमानत
जनप्रतिनिधियों की सुनवाई में इंदौर की विशेष न्यायालय ने इस मामले में दिग्विजय सिंह प्रेमचंद गुड्डू और छह आरोपियों को सजा सुनाई I जिसके बाद उन्हें कोर्ट से ₹25000 की जमानत पर रिहा कर दिया गया है I
शासकीय अधिवक्ता विमल कुमार के अनुसार सभी आरोपियों की सजा 3 वर्ष से कम थी, इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है I
हाईकोर्ट में करेगे अपील
वहीं दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के वकील ने कहा कि इस मामले में वह हाईकोर्ट में अपील करेंगे इसके साथ ही पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने बताया कि फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं, लेकिन सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे I
आपको बता दे की घटना के समय पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को जेड प्लस सिक्योरिटी मिली थी, जिसके कारण किसी भी अधिकारी को कोर्ट में बयान नहीं लिया गया था I
इस पूरे मामले में दिग्विजय सिंह का कहना है कि 11 वर्ष पुराने प्रकरण में मेरा नाम दिया गया था, उसमें व राजनीतिक दबाव के चलते जोड़ा गया है, इसमें मेरी किसी तरह से मामले में लिप्त नहीं हु I
उन्होंने ट्विट करते हुए लिखा की, मैं अहिंसावादी व्यक्ति हूं, हिंसक गतिविधियों का सदैव विरोध करता रहा हूं I ADJ Court का आदेश है, इसके खिलाफ हम उच्च न्यायालय में अपील करेंगे I मैं न भाजपा, न संघ से डरा हूं, न कभी डरूंगा, चाहे कितने ही झूठे प्रकरण बना दें और कितनी ही सजा दे दी जाए I
अभी इस मामले में सभी आरोपी को 25000 की जमानत पर रिहा कर दिया गया है I