किन्नरों के बारे में आपने बहुत सारी ऐसी बातें सुनी होगी जिन्हें सुनकर आपको आश्चर्य भी हुआ होगा। ऐसी ही एक आश्चर्य कर देने वाली बात आज हम आपको बताएंगे। ये तो हम सब जानते है की किन्नरों की दुनिया औरो से अलग होती हैं। और समाज में उन्हें वो स्थान भी नहीं मिल पता जिनके लिए वो हक़दार होते है और यहां तक की किन्नरों को बुलाने में लोग कतराते भी हैं। लेकिन यह भी झूठ नहीं हैं की किन्नरों को बहुत शुभ भी माना जाता हैं।
आपने अक्सर देखा होगा की जिस भी घर में नई शादी होती है या बच्चे का जन्म होता है तो किन्नर अचानक ही आ जाते हैं और नाच गाना करते हैं और नए जोड़े को और बच्चे को दुआ देते है और अपना मुँह माँगा नेक भी लेते हैं। माना जाता है की किन्नरों की दुआओं में बहुत ताकत होती है इसलिए कोई भी उनकी बद दुआ लेना नहीं चाहता है जिसके कारण उनको मुँह माँगा नेक दिया जाता हैं। लेकिन किन्नरों से जुडी एक और बात जिसे आज हम आपको बताने वाले हैं।
नहीं देख सकता कोई आम इंसान किन्नरों का अंतिम संस्कार
बहुत कम लोग है जो जानते होंगे की किन्नरों का अंतिम संस्कार कैसे किया जाता हैं लेकिन आज हम आपको बताते है की ऐसा क्या होता है जो आम नागरिक नहीं देख सकता किन्नरों का अंतिम संस्कार। ऐसी क्या रस्म होती है किन्नरों के अंतिम संस्कार में। कई मान्यता ऐसी होती है की जिसमे बताया जाता है की कुछ किन्नरों में आध्यात्मिक शक्ति होती हैं। ऐसा इसलिए क्योकि किन्नरों को मृत्यु से पहले ही आभास हो जाता है की उनकी मौत होने वाली है जिसके कारण वह कहीं भी आना – जाना बंद कर देते है और अन्न भी त्याग देते है और सिर्फ पानी पी कर ईश्वर से प्रार्थना करते है की अगले जन्म में वो किन्नर न हो।
माना जाता है की किन्नर के आखरी समय में मुहं से निकले शब्दों में बहुत ताकत होती है और यही कारण है की किन्नर के मरने से पहले उनके पास लोग आशीर्वाद लेने आते हैं। लेकिन इस बात का भी किन्नर बहुत ध्यान रखते है की मरते हुए किन्नर को कोई आम इंसान न देखे क्योकि ऐसा होने से यह माना जाता है की अगले जन्म में वह फिर से किन्नर बन जाता हैं। और यही कारण है की किन्नर के अंतिम संस्कार की भनक किसी को नहीं लगती हैं।
आपको बता दे की किन्नर का अंतिम संस्कार पुरे गुप्त तरीके से किया जाता है सिर्फ इस अधिकारीयों को इसकी जानकारी होती है क्योकि किन्नर को दफनाया जाता हैं जलाया नहीं जाता। बता दे की किन्नरों में एक रस्म होती है जिसमे मृत किन्नर को ले जाते समय उसे जूते – चप्पल मारे जाते है ताकि अगले जन्म में वो किन्नर न बने और उसके जो भी पाप है वह धूल जाए। इसके साथ ही किन्नरों में यह भी परंपरा है की मृत किन्नर को चार कंधों पर नहीं बल्कि खड़ा करके ले जाया जाता है ताकि उसके शरीर को कोई देख न सके।
क्या होता है किन्नर को दफनाने के बाद
आपको जानकर हैरानी होगी की मृत किन्नर को दफनाने के बाद सभी किन्नर एक हफ्ते का उपवास रखते है और उसके लिए दुआ करते है की वह अगले जन्म में किन्नर ना बने और आम इंसान बने। इसके साथ ही मृत किन्नर के मुँह में किसी नदी का पानी डालते है और इसके अलावा मृत किन्नर के अंतिम संस्कार में कोई आम इंसान न पहुंचे इसके लिए बहुत जतन करते है लेकिन अगर फिर भी कोई छुप कर देखता है तो उसे फिर किन्नर नहीं बक्शते।