पर्यावरण बचाव में कई प्रकार के अभियान आज होते है, इसमें कई लोग सक्रीय रूप से भाग लेते है। पर हम आज आपको एक ऐसे शख्श के बारे में बता रहे है जिनके कार्य को देखकर आप भी चौक जायेगे। इन्होने सही मायनो में पर्यावरण के लिए कुछ बहुत अच्छा किया है। ऐसे ही उद्यमी के बारे हम आज आपको बतायेगे।
कौन है यह नया उद्यमी
इनका नाम है सिद्धांत कुमार जो दिल्ली के रहें वाले है। सिद्धांत, ‘डेनिम डेकॉर’ नाम से अपना स्टार्टअप बिज़नेस शुरू किया है। जिसमे पुरानी जीन्स को अपसायकल कर के उनके द्वारा नए नए खूबसूरत उत्पाद बनाते है। इन्होने अपनी पढाई IIT बॉम्बे से डिज़ाइन में मास्टर्स की है। यह मूल रूप से बिहार के मुंगेर से हैं, इन्होने अपनी पढाई के साथ साथ बैंगलोर में जॉब भी की परन्तु इन्होने अपनी जॉब छोड़ दी और 2012 में दिल्ली पहुंच गए।
दिल्ली में आकर उन्होंने अपना स्टार्टअप बिजनेस शुरू किया। पुराने डेनिम की चीजों को निर्माण का कार्य शुरू किया। उन्होंने एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया जब वह दिल्ली में किराए के घर पर थे तो उसकी दीवार जींस से कलाकारी कर दी बाद में जो भी उनके यहां तो सब यही पूछते हैं, यह कैसे किया बहुत सुंदर है। इस तरह से उन्हें इसका आईडिया मिला।
जींस से 400 वस्तुए बनाई है
इसके बाद उन्होंने उनका हौसला बढ़ गया और उन्होंने पुरानी एंटीक चीजों को इकट्ठा करना शुरू कर दिया जैसे लालटेन, फोन, केटली, इन सब चीजों के उन्होंने डेनिम का इस्तेमाल करना शुरू किया। 50 उत्पादों को 2015 में पहली बार सिटी मॉल में एक प्रदर्शनी में लगाया लोगों ने बहुत तारीफ की थी। उन्होंने अपना ध्यान डेनिम ओर फोकस किया एक इसलिए उन्होंने गांव व शहरों से बर्तन बेचने वालों से टाइअप किया| बर्तन बेचने के बदले पुराने कपड़े लेते थे। इन कपड़ों में जींस भी प्राप्त होती थी। इसके बाद उन्होंने बिज़नेस शुरू किया। अपने स्टार्टअप का नाम देने डेनिम डेकोर दिया। इन पुरानी डेनिम से उन्होंने लगभग 400 वस्तुए बनाई है, जिसमें बैंक डायरी, पेन ,स्टैंड, लालटेन, केतली, आदि है। इस प्रक्रिया में कपडा कम वेस्ट करते थे और जो कचरा बचता था उससे पोट्रेड बनाते थे।
सिद्धांत करते हैं, जींस का अपसाइकिल
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पुरानी जींस कॉटन कोर्ट राइट से बनी होती है| इसे बनाने में लगभग 1000 लीटर पानी खर्च होता है। बाद में जींस पुरानी हो जाती तो कचरे में फेंक देते हैं। ऐसे में उन्होंने इसे रिसाइकल करने का कार्य सुझा, सिद्धांत के बिज़नेस में 40 लोगो को रोजगार मिला। आपको बता दें कि लॉक डाउन में उन्होंने डेनिम मास्क बनाये थे, लगभग 25 कारीगरों को मशीन लगवा कर यह काम दिया गया था। वह अपने प्रोडक्ट को अमेरिका जापान ऑस्ट्रेलिया और भी कई देशों में निर्यात करते हैं। उनका सालाना टर्नओवर डेढ़ करोड़ के आसपास पहुंच चूका है। उन्होंने अभी प्लास्टिक को अपसायकल करने का कार्य भी शुरू किया है जिससे वह नई-नई खूबसूरत चीजें बनाते हैं।