रामभक्तों के लिए निराशाजनक खबर आई हैं। पिछले साल राम मंदिर से राम भक्तों के लिए एक बुरी खबर आई थी जिसमे मंदिर ने प्रसाद पर रोक लगा दि थी। लेकिन चरणामृत भक्तों को दिया जा रहा था जिस पर भी मंदिर ट्रस्ट ने रोक लगा दि हैं। जिसकी वजह देश – दुनिया में एक बार फिर से फेल रही कोरोना महामारी हैं। मंदिर ट्रस्ट ने चरणामृत की रोक कोरोना को देखते हुए लगाई हैं। ताकि किसी भी गलती से रामभक्तों में कोरोना महामारी ना फैले और सुरक्षित रहे। लेकिन चरणामृत पर रोक के बाद से प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने नाराजगी जताई हैं। इसके साथ ही उन्होंने ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा द्वारा पुजारियों पर अभद्रता का गंभीर आरोप भी लगाया है। साथ ही प्रधान पुजारी ने कहा की चरणामृत पर रोक लगाने से अच्छा होता की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते और श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान होता।
ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने रामजन्म भूमि के सभी पुजारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा की ध्यान रहे श्री रामलला के दर्शन करने आने वाले किसी भी श्रदालु को प्रसाद और चरणामृत ना मिले। जिस पर एतराज जताते हुए प्रधान पुजारी ने कहा की रामलला के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के मन के आस्था होती हैं की वह दर्शन करके प्रसाद लेवे और वह प्रसाद अपने परिवार वालो में भी बाटें। इसके साथ ही उन्होंने कहा की अनिल मिश्रा ने चरणामृत पर रोक तो लगाई ही है साथ ही उन्होंने पुजारियों से अभद्रता भी की हैं।
जल्द ही पैकेट व्यवस्था की जाएगी
विवाद को देखते हुए ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा की चरणामृत भक्तों के हाथ में देना कोरोना महामारी को देखते हुए बिलकुल भी सही नहीं था। जिस वजह से इस पर रोक लगाई गई है। लेकिन बहुत जल्द हम कोशिश कर रहे हैं की कोई ऐसा प्रसाद तैयार किया जाए जिसके छोटे पैकेट रामभक्तों को दिये जा सके।