कृषि करने के लिए कई तरह की बड़ी मशीनों का उपयोग किया जाता है। लेकिन वह बहुत ही महंगी होती है, अगर कोई खरीद भी ले तो जरुरी नहीं कि मशीन किसानों की जरूरत के हिसाब से ही काम करे। ऐसी समस्या के चलते 16 साल के एक छात्र ने ऐसी मशीन बनाई जो एक साथ कई तरह के बीजो को खेतो में लगा सकती है।
यह लड़का कर्नाटक के दक्षिण कन्नडा के पुत्तुर में रहने वाले राकेश कृष्ण के. मंगलुरु के एक्सपर्ट पीयू कॉलेज में 12वीं कक्षा का छात्र हैं। इसने पढ़ाई के साथ-साथ किसानों के लिए एक खास तरह की मशीन बनाई है। इस मशीन के द्वारा आसानी से कई तरह की फसलों के बीजों की रोपाई कर सकते हैं। इसके साथ ही यह मशीन और भी कई कार्यो को करती है।
मशीन का नाम रखा सीडोग्राफर

मीडिया में उसने बताया की अपनी मशीन को ‘सीडोग्राफर’ नाम दिया है। इसके लिए उसे नवाचार के लिए उन्हें कई पुरस्कार भी मिले हैं। इस मशीन के लिए 2021 का प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बालशक्ति पुरस्कार भी शामिल है। राकेश ने बताया हमारे घर में एक पुराना ‘ड्रम सीडर’ है। लेकिन यह कभी भी बहुत प्रभावी ढंग से खेती में काम नहीं आया इसी कारण मुझे लगा कि खेती के लिए कोई ऐसी मशीन होनी चाहिए जिसे किसान सिर्फ एक नहीं बल्कि कई कामों के लिए इस्तेमाल में ले सकें।
11 साल की उम्र से ही शुरू कर दिया था मशीन पर काम
राकेश ने इस मशीन को बनाना बहुत ही कम उम्र में शुरू कर दिया था। मशीन बनाने की प्रेरणा उन्हें अपनी बड़ी बहन रश्मिपार्वती से मिली। उनकी बहन बायोलॉजी के क्षेत्र में जर्मनी से पीएचडी कर रही हैं। साल 2015 में राकेश ने अपने इस प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया। ‘सीडोग्रॉफर’ मशीन को मुख्य रूप से रोपाई के लिए तैयार किया गया था। लेकिन इसमें कुछ सालो में बदलाव करके यह मल्टीपर्पज मशीन की तरह इस्तेमाल के लिए बनाया गया।
मशीन के लिए मिले कई राष्ट्रीय पुरस्कार
राकेश को इस अविष्कार के लिए केंद्र सरकार के विज्ञान और तकनीक विभाग द्वारा आयोजित नैशनल ‘इंस्पायर अवॉर्ड’ भी जीता है। इसके अलावा, उन्हें 2017 में नेशनल इनोवेशन फेस्टिवल के दौरान राष्ट्रपति भवन में भी तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को अपने इस अविष्कार को दिखाने का मौका मिला था। उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वर्चुअल मुलाक़ात की और इस मशीन के बारे में उनसे जानकारी प्रदान की है।