अक्सर देखा गया है की राजनीति और अपराध की दुनिया का रिश्ता काफी नजदीक होता हैं। कई अपराध साजिश के तहत होते है तो कुछ ऐसे भी होते है जो हालातों पर निर्भर करते हैं। ऐसा ही एक आपराधिक इतिहास रखने वाली पूर्व विधायक पूजा पाल को समाजवादी पार्टी ने कौशांबी की चायल विधानसभा से टिकट दिया हैं।
पूजा पाल उस समय चर्चा में आई थी जब उनके पति इलाहबाद शहर पश्चिमी के बसपा विधायक राजू पाल की हत्या हुई थी। पूजा पाल बेहद गरीब परिवार की है जिसकी विधायक बनने की कहानी खूनी और काफी रोमांचक हैं।
अगर आप जानते हो तो धूमनगंज थाने के हिस्ट्रीशीटर रहे राजू पाल ने 2004 में इलाहबाद शहर के पश्चिमी सीट से सपा उम्मीदवार अशरफ को हराकर सनसनी फैला दी थी। इस सीट से अतीक अहमद के भाई अशरफ निर्दलीय और सपा के टिकट पर विधायक रह चुके है जिसे राजू पाल ने हरा कर सनसनी फैला दी थी। राजू पाल के लिए यह सियासी जीत थी लेकिन अतीक के नाम से लोग थरथराते थे। अतीक के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठा सकता था। लेकिन वही राजू पाल ने उन्ही के गढ़ में उनको भारी पराजय दे डाली। लेकिन इस चुनावी जीत ने राजू पाल की जान ले ली। जीत के कुछ महीने बाद 25 जनवरी 2005 को राजू पाल के काफिले को सुलेम सराय में जीटी रोड पर रोककर गोलियों की बौछार की गई। जिसमे राजू पाल समेत तीन लोग मारे गये थे।
जिसके बाद अतीक और अशरफ को अन्य शूटरों समेत राजू पाल हत्याकांड का आरोपी बनाया गया। मौजूदा समय में अतीक अहमद अहमदाबाद जेल में तो अशरफ बरेली जेल में बंद है। जब राजू पाल की हत्या हुई तब राजू और पूजा पाल की शादी को नौ दिन ही हुए थे। जिसके बाद 2007 में हुए चुनाव में पूजा पाल ने बसपा के टिकट पर जीत हासिल की। वह दो बार इस सीट पर जीतीं मगर 2017 में हार गई। पूजा पाल ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सपा का दामन थाम लिया था। अब वह चायल सीट से लड़ने जा रही हैं। अब सपा ने पूजा पाल को कौशांबी की चायल सीट से उम्मीदवार घोषित किया है। इस विधानसभा क्षेत्र में रोमांचक मुकाबले की संभावना है।