हम आज बंधन बैंक के मालिक चन्द्रशेखर घोष के बारे में बता रहे है, जिन्होंने अपनी मेहनत व हुनर से अपने बैंक की मजबूत नीव रखी है। आज बंधन बैंक के CEO व मैनेजिंग डायरेक्टर चंद्रशेखर घोष जिनकी सफलता की दास्तान लोगों के लिए प्रेरणा का मार्ग प्रशस्त करती है। एक समय चंद्रशेखर घोष ने भी गरीबी से ना केवल जीवन की बहुत सी आवश्यक बारिकियां सीखी।
आपको बता दे की एक समय वह दूध बेचते थे, और पिता की साधारण सी मिठाई की दुकान थी। वह सबसे बड़े बेटे थे और बचपन में दूध बेचने का काम किया उसके साथ ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई का खर्च निकाला करते थे। आज पश्चिमी बंगाल की महिलाओं को खुद के दम पर 2-2 लाख रुपए का ऋण देकर देश के 21 प्रतिष्ठित बैंकों से भी आगे निकलने वाले ‘Bandhan Bank’ के ओनर बन गए हैं।
चंद्रशेखर ने पढ़ाई जारी रखी तथा ढाका यूनिवर्सिटी से सांख्यिकी में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। उन्होंने बांग्लादेश में महिला सशक्तीकरण हेतु काम करने वाली विलेज वेलफेयर सोसाइटी नामक एक गैर सरकारी संस्था में प्रोग्राम हेड के तौर पर काम करने लगे थे।
तब उन्होंने देखा कि गांवों में रहने वाली बहुत सी महिलाएं थोड़ी सी आर्थिक सहायता से ही काम शुरू करके अपना जीवन स्तर ऊंचा उठा रही हैं। उसके बाद ही उन्हें इस तरह के कार्य करने की प्रेरणा मिली। उन्होंने मन ही मन इस प्रकार के बैंक को शुरू करने का विचार किया और उसे साकार रूप दिया। उनके इस बैंक का नाम ‘बंधन बैंक’ रखा गया।
चंद्रशेखर ने बहुत सोच-विचार करके सन् 2001 में अपनी मुश्किलों से उबरने के लिए रिश्तेदारों से धन जुटाकर माइक्रोफाइनेंस संस्थान खोलने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने छोटे लेवल पर अपना व्यवसाय करने वाली महिलाओं को लोन देने का निश्चय किया था। यह भारत में स्थित एक बैंकिंग तथा वित्तीय सेवा कंपनी है। जिसने 23 अगस्त वर्ष 2015 को बंधन फाइनेंसियल सर्विसेज़ की शुरुआत की।
यदि आज इसकी सफलता की बात करे तो बन्धन बैंक की 2000 से भी ज्यादा ब्रांचेज और 30 हजार करोड़ की वैल्यु बन चुकी है।
बैंक की 2000 से भी अधिक शाखाएं केवल महिला मेम्बरशिप वाली, 0 पोर्टफोलियो रिस्क के साथ तथा 100 % रिकवरी रेट के साथ कार्यरत हैं। वर्ष 2011 में विश्वबैंक की एक सहायक इकाई इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IFC) द्वारा बंधन बैंक में 135 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया गया था और अभी बंधन बैंक की मार्केट वैल्यू 30 हज़ार करोड़ रुपए है।
इनका उद्देश्य 2022 तक वर्ल्ड लेवल पर इंटरनेशनल माइक्रोफाइनेंस संस्था को स्थापित करने का लक्ष्य रखा है, जो काफी जल्दी 10 मिलियन लोगों को अपनी सर्विसेज देने के लिए तैयार करेगा।
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