हनुमान जी की यह मूर्ति बदलती है 3 बार अपना स्वरुप – सूर्य देव से जुडी है पौराणिक कथा

Surajkund hanuman mandir

आपने ऐसे बहुत से चमत्कारी मंदिरो के बारे में सुना होगा। आज हम आपको एक ऐसे ही चमत्कारी मंदिर के बारे में बताने जा आरहे है। इस मंदिर में लोग बहुत दूर दूर से आते है, दरअसल यह मंदिर मध्यप्रदेश के मंडला के सूरजकुंड में स्थित है और यह अनोखा मंदिर हनुमान जी का है। हनुमान जी के इस मंदिर से कई प्राचीन कहानियां जुडी हुई है। इस मंदिर में लोगो का मानना है की भगवान की इस प्रतिमा को सिंदूर जरूर चढ़ाये।

Hanuman Mandir

तो आईये हम देखे आखिर ऐसा कोनसा चमत्कार होता है मंदिर में। यहाँ स्थित हनुमान जी की प्रतिमा दिन में तीन बार रंग बदलती है और लोग कहते है की या मंदिर रामयण कल का है और ये जो हनुमान जी की प्रतिमा है ये रामायण काल की घटनाओं को ही दर्शाती है। यहाँ की मान्यता है की भगवान सूर्य ने यहाँ पर तपस्या की थी और उनकी तपस्या में कोई विघ्न ना हो इसलिए हनुमान जी ने यहाँ पहरा दिया था।

मूर्ति बदलती है अपना रंग

Suraj Kund

अपनी तपस्या पूरी करने के बाद सूर्य भगवान तो चले गए थे और उन्होंने हनुमान जी को वही रुकने को कहा था। जब से ही हनुमान जी यहाँ मूर्ति के रूप में रुक गए और कहा जाता है की जैसे जैसे सूर्य की किरणे मूर्ति पर पड़ती है हनुमान जी अपने बाल रूप में नजर आते है साथ ही जैसे जैसे समय बदलता है यह प्रतिमा का रंग बदलता जाता है।

यह मंदिर मंडला के करीब तीन किलोमीटर दूर पुरवागावं में है इस मंदिर को सूरजकुंड नाम दिए गया है। यहाँ के जो पंडित है उन्होंने बताया की सुबह 4 से 10 बजे के करीब भगवान की प्रतिमा का बाल स्वरुप, दिन के समय युवा स्वरुप और शाम ढलते हुए वृद्ध स्वरुप हो जाता है। इस तरह हनुमान जी दिन में तीन बार अपना स्वरुप बदलते हैं। ये मंदिर नर्मदा के किनारे है। इस मंदिर में मंगलवार के दिन विशेष पूजा होती है और जो लोग यहाँ आकर पूजा करते है उनकी हर मनोकामना पूरी होती हैं।

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