टूलकिट मामले में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं और पता नहीं कितने नाम इस मामले में सामने आते है जिन्होंने दिशा रवि के साथ मिलकर किसान आंदोलन के जरिये देश की राजधानी दिल्ली में कई जगह पर दंगा भड़काया था। इस मामले में दिशा रवि की WhatsApp चैट में कई खुलासे हुए है और कई ऐसे नाम सामने आए है जिसमे गिरफ़्तारी भी हुई है और कुछ की तलाश अभी भी पुलिस को है।
टूलकिट मामले में तलाश के दौरान पता चला है की निकिता जैकब का इस पुरे मामले में अहम रोल हैं और निकिता जैकब ने ही दिशा को इस साजिश में शामिल किया था साथ ही दिशा ग्रेटा की काफी करीबी थी जिसके कारण निकिता ने दिशा को भी साजिश में जोड़ा था। बता दे की निकिता इस पूरी साजिश में ग्रेटा का नाम इस्तमाल करना चाहती थी। Toolkit का नाम भी निकिता ने Comms Pack रखा था जिसे सभी इसी नाम से बोलते थे। निकिता PJF के ईमेल का उपयोग कर रही थी। साथ ही निकिता और पुनीत की WhatsApp चैट भी मिली है। पुनीत मो धालीवाल का करीबी बताया जा रहा हैं इसके साथ ही पुलिस को शुभम और तिलक की भी तलाश हैं।
आखिर क्या है Toolkit?
टूलकिट की बात करे तो यह एक ऐसा डिजिटल दस्तावेज है, जिसमे ऑनलाइन कुछ भी बदलाव किये जा सकते हैं। साधारण देखा जाए तो इसका इस्तमाल किसी मुद्दे के रोडमैप को तैयार करने में किया जाता हैं और इसका उपयोग इसलिए किया जाता है की इसमें ऑनलाइन आसानी से बदलाव किये जा सकते है जिसकी वजह से उस मुद्दे से जुड़े सभी लोग अपडेट रह सके। और सारी जानकारी आसानी से उनके पास पहुंच जाए। इसका उपयोग खास तौर पर तब किया जाता है जब किसी जनआंदोलन को आगे बढ़ाया जाता हैं। इसमें जनआंदोलन से जुडी सारी जानकारी, प्रदर्शनकारियों की सूचि और तमाम ऐसी चीज़े उपलब्ध करवाई जाती है जिसका उपयोग आंदोलन में किया जाना हैं। आज कल देखा जाए तो किसी भी आंदोलन को सफलतापूर्वक चलाने के लिए ऐसे टूलकिटो और गूगल डॉक्यूमेंट का बहुत ज्यादा उपयोग किया जा रहा हैं। इस टूलकिट में यह भी बताया जाता है की किस जगह पर प्रदर्शन करना है और किस तारीख और समय पर इसके साथ ही अगर किसी आंदोलन को सोशल मीडिया पर भी बढ़ावा देना हो तो इसमें वह भी बताया जाता है और हैशटैग भी दिए जाते हैं।